पलवल। पैरा ओलंपिक में शूटिंंग के अंदर कांस्य व रजत पदक जीतने वाले सिंहराज अधाना ने कहा है कि हिंदी को बढ़ावा देना है तो हर भारतीय को दिल से हिंदी को अपनाना होगा। हिंदी में हस्ताक्षर करना तथा हिंदी को अपने जीवन में अन्य भाषणाओं से अधिक महत्व देने से ही हिंदी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में भी हिंदी को अतिरिक्त विषय के रूप में न रखकर अन्य विषयों की तरह हिंदी विषय भी अनिवार्य करना होगा, तब जाकर हिंदी के प्रति लोगों में रुचि बढ़ेगी। सिंहराज अधाना मंगलवार की देर रात यहां ग्रांड प्रकाश ढाबा पर रोटरी क्लब पलवल संस्कार द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित काव्य पाठ एवं विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। अध्यक्षता क्लब प्रधान पराग चुटानी ने की। इस अवसर पर पैरा ओलंपिक में कांस्य व रजत पदक जीतने पर क्लब की तरफ से सिंहराज अधाना का सार्वजनिक अभिनंदन किया गया।
अधाना ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वे भारतीय हैं। भारत का तिरंगा विदेश की धरती पर लहराकर उन्हें बेहद आत्म संतुष्टि मिली। उन्होंने कहा कि इंसान के मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति हो तो वह कभी असफल नहीं हो सकता। जीवन में आगे बढ़ने के लिए व्यक्ति को मन का भय तथा अपने अंदर की कमजोरी को निकालना होगा। ऐसा करके ही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि जहां अन्य देश आज हिंदी को अपना रहे हैं, वहीं भारतीय अंग्रेजी की तरफ भाग रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे हिंदी को जीवन का अभिन्न अंग बनाए। सरकार को भी चाहिए कि हिंदी को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में हिंदी विषय हर कक्षा में अनिवार्य होना चाहिए न कि अतिरिक्त विषय। अधाना ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ खेल के प्रति भी बच्चों में रुचि जागरूक करनी चाहिए। आज सरकार भी खेलों को बढ़ावा दे रही है।

इस अवसर पर हिंदी के जाने माने प्रोफेसर डॉ. केशव देव शर्मा, कुबेर दत्त गौतम, गोबिंद भारद्वाज, चंद्रभान शर्मा, मोहित मनोहर,महेंद्र प्रसाद सिंगला, चंचल खुराना तथा साधना शर्मा ने काव्य पाठ के द्वारा हिंदी को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने अपनी कविताओं व रचनाओं से हिंदी दिवस की महत्ता बताई। कार्यक्रम में डॉ. शिव कुमार गुप्ता, अरविंद गोयल, दीपक गुलाटी, अमन अरोड़ा, डॉ. अंजलि जैन, सचिन जैन, शिव गर्ग, लक्खी सिंगला, संजय शर्मा मौजूद थे।
लोगों को बताए टोक्यो पैरा ओलंपिक के अनुभव
सिंहराज अधाना ने रोटरी क्लब पलवल संस्कार के कार्यक्रम में शूटिंग शुरू करने से लेकर टोक्यो में हुए पैरा ओलंपिक में कांस्य व रजत पदक जीतने तक के अपने अनुभव लोगों से खासकर बच्चों से सांझा किए। उन्होंने पदक जीतकर भारत लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खिलाड़ियों के साथ किए गए उनके स्वागत के दौरान के भी अनुभव बताए।