पलवल, सिविल सर्जन डॉक्टर ब्रह्मदीप ने बताया कि 8 सितम्बर को सिरो सर्विलेंस की शुरूआत की गई थी ताकि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच की जा सके। सिरों सर्वे कोरोना की तीसरी लहर से लडऩे का एक और अच्छा तरीका है। सिरों सर्वे पहले भी जरूरत पडऩे पर कई बार चलाया गया था। सिरों सर्वे से इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि कितने लोग अभी भी वैक्सीनेसन से बचे होने के बाद भी कोरोना पॉजीटिवीटी रेट बहुत कम हैं। इस अभियान के दौरान उन लोगो को भी वैक्सीनेसन कर रहे है जो उस वक्त किसी कारणवश रह गए थे।
सिविल सर्जन ने बताया कि इस सिरों सर्वे द्वारा 6 से 18 साल के बच्चे, जिनका वैक्सीनेसन नही हुआ है, उनकी एंटीबॉडी चेक करते है। जिला के लगभग सभी क्षेत्रों को कवर किया गया है। सिरो सर्विलेंस के अभियान में 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को छोडक़र बाकी सभी उम्र के व्यक्तियों के सैंपल लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 8 से 10 सितम्बर तक का स्वास्थ्य विभाग पलवल का कुल कलैक्शन 800 सैंपल का रहा। डॉक्टर ब्रह्मदीप ने स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्यकर्ताओं के कार्य की सराहना की और सभी का उत्साह बढ़ाया। सिरो सर्विलेंस की टीम ने 20 एरिया कवर किए है, जिसके लिए 20 टीमे गठित की गई थी, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र की 12 और शहरी क्षेत्र की 8 टीमे बनाई गई है, जिनमें से ग्रामीण क्षेत्र के गांव मेघपुर, बढऱाम, राजूपुर, सिहोल, रीबड, मालूका, कोंडल, मढऩाका, दुर्गापुर और शहरी क्षेत्र में पलवल के वार्ड नंबर- 25, 16, 23, 06, 26, 02 तथा शहरी हथीन के वार्ड नंबर-03, 11 शामिल हैं। सभी टीम को डा. ऋषभ, डा. संतोष, डा. अनिल, अक्षिता और डा. अनु द्वारा सुपरवाइज किया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि सिरो सर्विलेंस की ऐप पर ऑनलाइन सैंपल चढाए जाते है और इस एप पर जीपीएस लगा हुआ है, जिससे की यह पता चल जाता है कि किस व्यक्ति का सैंपल कहां लिया गया था तथा यह व्यक्ति कहां का रहने वाला है। डा. ब्रह्मदीप ने सिरो सर्विलेंस का समापन करते हुए कहा कि लोग कोरोना की तीसरी लहर से डरे नहीं, हम सब मिलकर तीसरी लहर का डटकर सामना करेंगे।