ऊधम सिंह, पलवल सिटी
पलवल, सरकार द्वारा लागू तीन खेती-किसानी विरोधी काले कानूनों को वापिस कराने,न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गांरटी के लिए तथा बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द कराने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में चल रहे आन्दोलन के तहत अटोंहा मोड पलवल में किसानों का धरना बुधवार को भी जारी रहा।धरने पर किसान संघर्ष समिति पलवल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के करनाल लाठीचार्ज को लेकर दिए ब्यान की कड़े शब्दों निंदा की।किसानों ने करनाल के एसडीएम द्वारा किसानों के सिर फोड़ने के ब्यान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री की अलग-2 टिप्पणियों को प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला बताया।नन्दराम सरपंच की अध्यक्षता में आयोजित धरने का संचालन राजेन्द्र घर्रौट ने किया।
धरने में शामिल किसानों को सम्बोधित करते हुए किसान नेता रमेशचन्द सौरौत व महेन्द्रसिंह सरपंच गहलब ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों के लिये हास्यास्पद टिप्पणियाँ करके अपने गुनाहोँ से नही बच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत के किसान अपनी एकता और संघर्ष की नई इबारत लिख रहे हैं तथा नया इतिहास गढ रहे हैं।किसानों ने सरकार के तमाम हथकण्डों का मुकाबला करते हुए आंदोलन को ज्यादा मजबूत किया है।जनता इस एतिहासिक आंदोलन के कारण भारी उबाल ले रही है इसी कारण आंदोलन लगातार 9 महीने से ज्यादा समय बीतने के बावजूद शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहा है।उन्होंने बताया कि जनता की वोट से चुनी हुई सरकार सब कुछ भूलकर पूरी तरह से पूंजीपतियों की चाटुकारिता में लगी हुई है।जिन्हें देश के अन्नदाताओं का रक्षक बनना था वो अब उनके भक्षक बन चुके हैं।किसानों का यह संगठित संघर्ष इतिहास का चमकीला अध्याय बन चुका है।उन्होंने बताया कि इतिहास केवल कथा कहानी नहीं होते वो वर्तमान के सबक और भविष्य के पथप्रदर्शक भी होते हैं।भारत का किसान अपने अस्तित्व,स्वाभिमान तथा जमीन और जमीर के लिए निरन्तर आंदोलन कर रहा है।किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि जरुरी खाद्यान्नों के असीमित भंडारण के कानून के चलते आज देश की खाद्य सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है क्योंकि कॉर्पोरेट व बड़े व्यापारियों को नए कानून से कालाबाजारी करने की छूट मिल गई है।किसान नेताओं ने सभी किसानों,खेतिहर मजदूरों,कामगारों,महिलाओं,युवाओं व छात्रों से इस ऐतिहासिक आंदोलन में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि यह आंदोलन किसान व राष्ट्र को बचाने के लिए किया जा रहा है।
धरने में शामिल किसानों को धर्मचन्द,राजेन्द्रसिंह बैंसला बडौली,सोहनपाल प्रधान,भगीरथ बैनीवाल,दरियाब बनचारी,श्रीचन्द महाशय,शिवसिंह थानेदार,इन्द्रसिंह रावत,अच्छेलाल,बीरसिंह,धन्नी अलवालपुर,मुन्शीराम दूधौला,मुखराम सौरौत दरियाब सचिव,अतर मैम्बर,ब्रह्मजीत मैम्बर,ओमप्रकाश,सुखबीर व राजू,ने भी सम्बोधित किया।