पलवल, आएं, संकल्प लें अंधेरी दुनिया में रोशनी बिखेरने के लिए। सिविल सर्जन डा. ब्रह्मïदीप ने बताया कि नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम होते हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय अंधता, दृष्टि क्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 36वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाएगा।

सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि कॉर्नियल ब्लाइंडनेस रोग से बच्चे, किशोर, युवा, वयस्क एवं वृद्ध सभी प्रभावित हैं। आंखों की यह विकृति जन्मजात, संक्रमण रोग, चोटिल होने, विटामिन की कमी एवं कुपोषण आदि के कारण होती हैं। देश में हर साल करीब दो लाख कॉर्निया प्रत्यारोपण की जरूरत है। जनमानस को जागरूक करने के लिए 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है। डा. ब्रह्मदीप ने सभी लोगों से अपील की है कि आई डोनेशन के लिए अपनी सोसाइटी में हमें लोगों को प्रोत्साहन करना है ताकि इससे लोगों की अंधेरी दुनिया में उजाला हो सके।
पुतली ही ली जाती है नेत्रदान में –
स्वस्थ व्यक्ति की मृत्यु के 6 घंटे के भीतर ही कॉर्निया लिया जा सकता है। एक व्यक्ति की आंखों से दो नेत्रहीन लोगों को जिंदगी में रोशनी लौटाई जा सकती है। दान में मिला कोर्निया खरीदा या बेचा नहीं जा सकता। नेत्रदान किसी भी उम्र रक्त समूह और व्यक्ति की ओर से किया जा सकता है।
नेत्रदान के लिए भरे फार्म-
मृत्यु के बाद नेत्रदान जरूर करें। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति सिविल अस्पताल में पहुंचकर निर्धारित फार्म भर सकते हैं। नेत्रदान से मृत व्यक्ति का चेहरा खराब नहीं होता। धर्मगुरुओं, जनप्रतिनिधियों, धार्मिक संस्थाओं, सेवाभावी संगठनों से जुड़े लोग नेत्रदान के प्रचार-प्रसार में सहायक और प्रेरणास्त्रोत हो सकते हैं।
8 सितंबर तक चलेगा 36वां नेत्रदान पखवाडा, ब्लड सेंटर व शिक्षण संस्थानों में होंगे कार्यक्रम
सिविल सर्जन ने बताया कि इस बार होने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में शिक्षण संस्थानों में सेमिनार और वेबीनार, केबल ऑपरेटर्स के लिए नेत्रदान संबंधी प्रचार, धर्म गुरुओं के माध्यम से लोगों को जागरूकता संदेश, खिलाड़ी, जनप्रतिनिधियों के जरिए समाज में संदेश, ब्लड सेंटर में जागरूकता कार्यक्रम, युवा संस्थाएं, रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी करेंगी जागरूक, इंटरनेट मीडिया के माध्यम से नेत्रदान के संदेश प्रसारित करवाएं जाएंगे। मरता है शरीर, अमर है आत्मा, नेत्रदान से मिलता है परमात्मा। जाने से पहले किसी को दे दो जीवन दान, अमर रहना है तो करो नेत्रदान।