कोरोना काल में बच्चों की आंखें हो रही हैं प्रभावित : डा. ब्रह्मदीप - Palwal City

कोरोना काल में बच्चों की आंखें हो रही हैं प्रभावित : डा. ब्रह्मदीप

ऊधम सिंह, पलवल सिटी

पलवल, एक सितंबर। सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में जहां बच्चों पर ऑनलाइन पढ़ाई का सबसे खराब असर आंखों पर पड़ा है, वहीं वर्क फ्रोम होम से युवाओं व बड़ों में भी यह समस्या देखने को मिल रही है। बच्चे युवा और व्यस्क में इन दिनों आंखों में सूखापन, लंबे समय तक स्क्रीन को देखने में पढ़ाई और काम के चलते आंखों में चुभन, जलन, लालिमा, थकान जैसी समस्या लेकर डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। अस्पताल में इन दिनों आंखों में एलर्जी के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। प्रतिदिन ऐसे कई मरीज आंखों में एलर्जी की समस्या को लेकर आ रहे हैं। इन दिनों मौसम में बदलाव के चलते संक्रमण फैल रहा है, जिससे आंखों में एलर्जी के मामले सामने आ रहे हैं।


इन बातों का रखें ध्यान:-
सिविल सर्जन ने बताया कि डॉक्टर की सलाह पर सही आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। आंखों को साफ करने के लिए भाप का उपयोग बिल्कुल न करें। मोबाइल फोन को इस्तेमाल करते समय 20 इंच दूरी पर रखें, स्कूटर बाइक पर हेलमेट या गॉगल्स का इस्तेमाल करें, घर के बाहर जाते समय गॉगल्स पहनकर ही बाहर जाएं, बाहर से आने पर आंखों को साफ पानी से धोएं, चिकित्सक से सलाह लेकर ही आंखों का उपचार करवाएं।
ऐसा रखें खानपान:-
विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट जरूर लें। फाइबर, प्रोटीन, फोलेट, जिंक, फलिया में जो मिलता है वह आंखों को नुकसान से बचाता है। घर से बाहर जाने पर आंखों को ढक कर रखें, इसके लिए चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें। चिया और अलसी के साथ बादाम खाने से ओमेगा-3 मिलता है, जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिलती है। पत्तेदार सब्जियों को खाने से विटामिन-सी की पूर्ति होती है। पत्तेदार सब्जियों से मिलने वाला फोलेट विजन लौश को कम करता है। अखरोट, काजू, मूंगफली का सेवन करने से ओमेगा-3 और विटामिन-इ की पूर्ति होती है, जो आंसुओं के निर्माण को बढ़ाता है।
उन्होंने बताया कि इन दिनों मौसम में उमस और नमी दोनों हैं। इसलिए उमस के चलते पसीना अधिक आता है, जिससे हम बार-बार अपने हाथों से मुंह और आंखों को छूते हैं। यह संक्रमण का कारण बनता है। इससे आंखों में एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो रही है। अधिकतर लोगों की आंखों में जलन, आंखों के आगे जाला बनना, धुंधला दिखाई देना, आंख के ऊपरी और निचले हिस्से में दर्द होना आदि समस्याएं सामने आई हैं। आंखों की इन समस्याओं से घबराए नहीं लेकिन कुछ सावधानियां बरतते हुए इन समस्याओं से लोग बचे रहेंगे। जब आंखों में सिकुडऩ और जलन होती है तो इसका पता लगाने के लिए टीवीयूटी टेस्ट किया जाता है। इसमें एक स्ट्रिपट को पलक के नीचे रखकर ड्राई आंख की जांच की जाती है। आंख में लुब्रिकेशन के लिए डॉक्टरी सलाह पर ड्रॉप का उपयोग कर सकते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण ज्यादातर लोग वर्क फ्रोम होम कर रहे हैं, जिसके कारण ग्राहकों की समस्या पर आयुर्वेद वर्ग के लोगों में तेजी से बढ़ी है। वातावरण में उमस होने पर यह कम होता है। इसलिए डॉक्टरी सलाह पर ड्रॉप व भाप लेना उचित होता है। वर्क फ्रोम और पढ़ाई के दौरान मोबाइल से लगभग 18 इंच की दूरी जरूर रखें, स्क्रीन को साफ रखकर ही काम करें और रंगों के संयोजन का भी विशेष ध्यान रखें। लगभग 20 मिनट तक काम करने के बाद 5 मिनट के लिए ब्रेक ले। डिजिटल स्क्रीन से  20 इंच की दूरी जरूर रखें

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