एमवीएन विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के विद्यार्थियों द्वारा पशु अस्पताल और दुग्ध शाला का सफल भ्रमण।

एमवीएन विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के थर्ड सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने जीसडी पशु अस्पताल और दुग्धसाला का आज का सफल अवलोकन किया यहां जाकर विद्यार्थियों ने गाय की अनेको नस्ल और प्रजातियां के रखरखाव आदि के बारे में जानकारी जुटाई और पशुओं में होने वाले नई नई बीमारियां और उनका किस प्रकार से इलाज किया जाता है इसकी वैज्ञानिक पद्धति के बारे में जाना। विद्यार्थियों ने गाय में होने वाली कैंसर बीमारी और थनैला रोग के बारे में भी जानकारी ली डॉक्टर राम यादव ने विद्यार्थियों को बताया कि अगर सही समय पर पशु कैंसर की जानकारी हो जाती है तो इसका बचाव किया जा सकता है इसके बाद विद्यार्थियों ने पशु पालन और दुग्ध भंडारण और किस प्रकार से आधुनिक विधि के द्वारा मशीनों की सहायता से आजकल दुग्ध शालाओं में जो दूध निकाला जा रहा है और उनके पैकिंग रखरखाव आदि के बारे में भी जाना। आज के इस विज्ञान के युग में गाय के गोबर से अनेकों उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं ताकि किसान या गोपालक पशु पालन के साथ-साथ अपनी आमदनी भी बढ़ा सकें गाय के गोबर से दीपदान, अगरबत्ती, दूध, लस्सी, क्रीम गोमूत्र, कृमि खाद आदि के बनाने की विधि के बारे में विद्यार्थियों ने जाना और अपनी आवश्यकता के अनुसार उत्पाद खरीदे। अंत में इन सभी के सफल भ्रमण के बाद विद्यार्थियों ने जीसडी पशु अस्पताल और दुग्ध साला पर गाय के गोबर से जो वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है उसके बनाने की विधि के बारे में जानकारी ली। विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय डॉ जे बी देसाई ने इस अवसर पर कहां की आज किसान परंपरागत खेती को छोड़ कर के आधुनिक तकनीकी को अपना रहा है और जिसके कारण आए दिन कृषि में नए नए अविष्कार हो रहे हैं अतः कृषि संकाय के छात्रों को भी एमवीएन विश्वविद्यालय में अनुभवी प्राध्यापकों के द्वारा  आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाता है और उन्हें पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर और एक सफल विद्यार्थी बनाने की पहल की जा रही है विश्वविद्यालय मैं विद्यार्थी नई तकनीकी को सीखते हैं और उनके  के द्वारा उनका प्रचार प्रसार ग्रामीण स्तर किया जा रहा है जिसका लाभ आज पलवल जिले के किसान पूर्ण रूप से उठा रहे हैं और यहां का किसान आज ऑर्गेनिक खेती, ड्रिप इरिगेशन, जीरो टिलेज, बागवानी फ्लोरीकल्चर, इंटीग्रेटेड फार्मिंग, मधुमक्खी पालन आदि की सफल खेती कर रहा है और इन सभी माध्यमों के द्वारा किसानों की आय बढ़ेगी तो देश उन्नति के शिखर पर जाएगा और एक विकसित देश का निर्माण होगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव महोदय डॉ राजीव रतन ने कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ मयंक चतुर्वेदी और कोर्स (इंस्ट्रक्टर) डॉक्टर सतीश, गिरीश, आशीष पालीवाल, आकांक्षा शर्मा, बिहारी सिंह, योगेश शर्मा और फार्म इंचार्ज योगेश शर्मा को इस अवसर पर बधाई दी और कहां की इस प्रकार की आउटडोर विजिट से विद्यार्थी सीखता है और जिससे आगे चलकर किसान लाभान्वित होते हैं।

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