विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष पर एमवीएन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में विश्व एड्स दिवस को मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ) जे.वी देसाई ने बताया विश्व एड्स दिवस 1988 के बाद 1 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है , जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और बचाव के तरीकों को बताना है। वर्ष 2021 की थीम ” एंड इनइक्वलिटी. एंड एड्स” है l जिसके अनुसार एड्स को लेकर फैली हुई असमानता को समाप्त करके एड्स को समाप्त करना है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने बताया कि इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के अन्य विभिन्न विभागों में जाकर पोस्टर एवं नारे के माध्यम से विद्यार्थियों एवं स्टाफ को एड्स के बारे में जागरूक किया Iइस अवसर पर फार्मेसी संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ तरुण विरमानी ने बताया एड्स स्वयं में कोई बीमारी नहीं है। इस रोग में व्यक्ति अपनी प्राकृतिक प्रतिरक्षण क्षमता को खो देता है और जीवाणु और विषाणु आदि से होने वाली संक्रामक बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है ।
जिससे आम सर्दी, जुकाम से लेकर क्षय रोग जैसे रोग सहजता से हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित या एड्स से पीड़ित व्यक्ति रक्तदान कभी ना करें और रक्त ग्रहण करने से पहले रक्त का एचआईवी परीक्षण करवाएं। भारत में एड्स से प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या के संभावित कारणों में आम जनता को एड्स के विषय में सही जानकारी का ना होना, शिक्षा में यौन शिक्षण व जागरूकता बढ़ाने वाले पाठ्यक्रम का अभाव का होना, गर्भनिरोधक के उपयोग को अनुचित ठहराना, असुरक्षित यौनसंबंध, संक्रमित रक्त के आदान-प्रदान, जीवाणु रहित सिरिंज का उपयोग, संक्रमित सेविंग ब्लेड का उपयोग से बचाव आती है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रबंधक संचालक कांता शर्मा, अध्यक्ष वरुण शर्मा, कुलाधिपति संतोष शर्मा ने विभाग की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ इस प्रकार के सामाजिक कार्यक्रमों का समावेश अत्यंत आवश्यक है I इस अवसर पर विभाग के सभी अध्यापक गण एवं गैर अध्यापक गण विद्यार्थियों सहित उपस्थित रहे I