पलवल, भारत देश विश्व में एक ओर जहां अपनी प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता के लिए प्रख्यात है, वहीं दूसरी ओर विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व विकास कर ऊचाई के शिखरों को छू रहा है। संसार के दूसरे विकसित देशों की भांति भारत वर्ष भी विकसित विज्ञान के बलबूते पर पृथ्वी के साथ-साथ अंतरिक्ष में अन्य ग्रहों पर अपनी खोजबीन जारी रखे हुए है। देश के विख्यात वैज्ञानिक अपनी नित नई खोज के माध्यम से भारत के नाम का डंका दुनिया में बजा रहे हैं। चंद्रयान-3 मिशन इसी का एक उदाहरण है।

देश के साथ-साथ पूरी दुनिया की नजरें उस समय चंद्रयान-3 पर टिकी रहीं, जब बुधवार 23 अगस्त को सायं करीब 06 बजे चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर अपनी सफलतम लैंडिंग की। चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर इस सफलतापूर्वक लैंडिंग से देश में खुशी का माहौल बना हुआ है। चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लाइव प्रसारण को उपायुक्त नेहा सिंह के मार्गदर्शन में गत सांय राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय कटेसरा, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय असावटा, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय मंडकोला, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय भिडूकी सहित जिला के विभिन्न राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को दिखाया गया।
इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के सभी वैज्ञानिकों सहित भारत के सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इसे देखकर हरेक भारतवासी अपने वैज्ञानिकों पर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के वर्षों के परिश्रम व प्रतिभा से आज भारत चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर पहुंचा है, जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है। चंद्रयान की इस सफलतम लैंडिंग से सही मायनों में आज भारत चंद्रमा पर पहुंच चुका है। यह इसरो के वैज्ञानिकों की चंद्रयान-3 टीम के कठिन परिश्रम का ही नतीजा है, जो आज हम मून पर पहुंच पाए हैं।
उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 चांद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा तैयार किया गया तीसरा चंद्र मिशन है। इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर है, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं है।

यह मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है, क्योंकि पिछला मिशन सफलता पूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास में विफल हो गया था। सॉफ्ट लैन्डिंग का पुन: सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था। चंद्रयान-3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार श्रीहरिकोटा से गत 14 जुलाई 2023 दिन शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2.35 बजे किया गया था। यह यान चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार सांय 06.04 बजे उतारा गया।
इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए तीन मुख्य उद्देश्य निर्धारित किए हैं, जिनमें लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना, चंद्रमा पर रोवर की विचरण क्षमताओं का अवलोकन और प्रदर्शन तथा चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझने और उसके विज्ञान को अभ्यास में लाने के लिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों, मिट्टी, पानी आदि पर वैज्ञानिक प्रयोग करना शामिल हैं।