पलवल, रसूलपुर रेलवे फाटक पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का निर्माण शुरू कराने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों का धरना सातवें दिन भी जारी रहा। रविवार को निर्माण कार्य के नजदीक टेंट लगाकर धरना दे रहे लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पिछले चार साल में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य केवल 50 प्रतिशत पूरा हुआ है।
लोगों ने कहा कि आरओबी का निर्माण कार्य जल्द शुरू नहीं हुआ तो राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल मार्ग बाधित किया जाएगा। रसूलपुर फाटक पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने की शुरूआत 18 अक्टूबर 2018 को हुई थी। करीब 45 करोड़ रुपये की लागत से आरओबी को 18 महीने में पूरा किया जाना था।

अपने निर्धारित अपने निर्धारित समय से एक साल 10 महीने की देरी से चल रहे निर्माण कार्य का अभी तक 50 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है। फाटक बंद किया हुआ है और निर्माण कार्य के अधर में लटकने से 20 से अधिक गावों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों ने आरओबी को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए केन्द्रीय मंत्री और अधिकारियों तक से गुहार की है।
आरओबी कार्य पिछले लंबे समय से बंद पडा है। लोगों ने आरओबी निर्माण कार्य को शुरू करने और जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की है। धरना पर बैठे पूर्व थानेदार रामकरण, पार्षद पति यशपाल मावई, इनेलो के हल्का अध्यक्ष भगत सिंह पोसवाल, जोग्रेन्द्र सिंह डागर, जितेंद्र बैंसला, कुलदीप बैंसला, कर्नल दयाराम ने बताया कि पुल के निर्माण के लिए पूरी सडक़ को खोद कर गड्डे बना दिए। हवा के साथ दिन धूल उड़ती रहती है।
बारिश के मौसम में पानी के साथ मिट्टी बहकर घरों में आती है और हालत बद से बदतर हो जाते हैं। रसूलपुर फाटक के रास्ते जाने वाले गांव छज्जूनगर,लोहागढ, खेडला, बडौली, लुलवाडी, भवाना, कुशक, बिल्लोचपुर सहित 20 से अधिक गांवों के लोगों को 8 से 10 किलोमीटर का चक्कर काट कर पलवल आना पड़ता है।