पलवल। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में आयोजित सामवेद पारायण महायज्ञ का दूसरा दिन बाल हकीकत राय व दीनबंधु छोटूराम को समर्पित रहा। लीलाराम आर्य व सुनील पोसवाल ने यजमान की भूमिका निभाई। इस अवसर पर यज्ञ के ब्रह्मा स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने कहा कि यज्ञ का अग्नि दूत है, जिस प्रकार दूत द्वारा बुलाने व सत्कार करने योग्यों को बुलाते हैं। इसी प्रकार अग्नि द्वारा वायु आदि देवों को बुलाया जाता है।

उन्होंने कहा कि जब हवन कुंड में अग्नि की स्थापना करके होम किया जाता है तो अग्नि कुंड के ऊपर वायु और वायु के अन्तर्गत 33 भौतिक देवों में से कई देवों को आहुति पंहुचा कर अग्निदेव हलका कर देता है। उन्होंने कहा कि परमात्मा ही वेद द्वारा सबके लिए ज्ञान देता है। वह प्रत्येक जीव के कर्मों का फलप्रदाता है। उसी ही उपासना करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाल हकीकत राय का बलिदान आर्य और आर्यत्व का वर्णन करता है। हकीकत राय का बलिदान साम्प्रदायिकता व धर्मांधता की पराकाष्ठा है। धर्म और मजहब इन दोनों में भी अंतर है। धर्म श्रेष्ठ आचरण करने का कर्म है। मजहब मानने और समझने की क्रिया है। सज्जनों की रक्षा करना और दुष्टों का विनाश करना धर्म है।
इस अवसर पर राजदेव नैष्टिक, महेंद्र सिंह शास्त्री, सत्यपाल आर्य, नरेंद्र आर्य, चंद्रभान आर्य, करतार सिंह भाटी, नारायण सिंह आर्य, चंद्रपाल आर्य, मास्टर कृपाल सिंह, नारायण रावत, कमल सिंह, मदन मोहन, तुलाराम आर्य, रामसेवक शर्मा मौजूद थे।