पलवल, 02 फरवरी। ग्राम पंचायत धीरनकी में सिंचाई विभाग हरियाणा राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई अटल भूजल योजना के अन्तर्गत (राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई से लोक विज्ञान संस्थान पीएसआई) के विशेषज्ञों द्वारा दौरा किया गया, जिसमें डी.आई.पी. द्वारा बनाई गई जल सुरक्षा योजना को बारीकी से चैक किया और लोगों से अटल भूजल से संबंधित कुछ सवाल किए गए।

डा. रिज्वी (एस.पी.एम.यू.) ने कहा कि पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना पर 5 साल में 6 हजार करोड़ रुपए का खर्च होगा। इसमें 3 हजार करोड़ रुपए वल्र्ड बैंक और 3 हजार करोड़ रुपए सरकार देगी। इस योजना का लक्ष्य देश के उन इलाकों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है, जिन इलाकों में यह काफी नीचे चला गया है।
महेन्द्र वाधवानी ने बताया कि सरकार ने सात राज्यों में अटल भूजल मिशन को मंजूरी दी है। अटल भूजल योजना मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लागू होगी। उन्होंने बताया कि अटल भूजल योजना से पानी की बर्बादी रोकने में मदद मिलेगी। पानी का सही उपयोग होगा। इस योजना का उद्देश्य पानी की सुरक्षा के लिए गांव को तैयार करना है। गांव के लोगों को घर में वर्षा के जल को संरक्षित करने से पानी की बचत के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी होगा।
उन्होंने कहा कि पानी के सतत उपयोग से किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। इस योजना का लाभ जिले के 185 गांवों को होगा। इन गांवों का चयन करने का मुख्य लक्ष्य अगले पांच साल में सामाजिक भागीदारी और सामुदायिक भागीदारी से भू-जल की स्थिति का प्रबंधन करना है। भू-जल के प्रबंधन के लिए विभिन्न जातियों के ग्रामीणों की भूमिका, विभिन्न भूमि धारकों के किसानों और महिलाओं की भागीदारी बहुत अनिवार्य है। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को भू-जल एवं सतही जल के स्त्रोत के प्रबंधन के लिए सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन प्रशिक्षण एवं सुझाव दिए जा रहे हैं।
इसमें लक्षित गांवों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस बारे में महिलाओं से भी सवाल किए गए और दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले पानी को कैसे बचाएं इस पर भी चर्चा की गई।
गांव के बुजुर्ग मुसर्रत ने लोगों को बताया कि वे राजस्थान के सूबे से प्रशिक्षण लेकर आए थे कि वर्षा के पानी को घर में ही टैंक बनाकर एकत्रित किया जा सकता है और आर्थिक लाभ लिया जा सकता है। इस मौके पर सिंचाई विभाग से वारिश खान सुकेडिय़ा, मोहित कुमार व डी.आई.पी. स्नेहा, आकाश, मनोहर लाल एवं खुर्शीद रुक्मुद्दीन, मूसर्रत अख्तर, मौहम्मद हसन, असम खान, जरीफ व बरकत सहित अन्य गांव के लोगों ने भी पानी की समस्याओं पर अपने विचार सांझा किए।