निक्षय पोषण योजना में मरीजों को दी जाती हैं 500 रुपए की आर्थिक सहायता-उपायुक्त

पलवल,उपायुक्त नेहा सिंह की अध्यक्षता में राष्टï्रीय टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त अभियान के अंतर्गत टी.बी. रोगियों को सामुदायिक सहायता प्रदान करने के संबंध में बुधवार को लघु सचिवालय में संबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में उपायुक्त ने टी.बी मुक्त भारत बनाने की दिशा में सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों की अनुपालना सुनिश्चित करने के संदर्भ में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर बैठक में सिविल सर्जन डा. लोकवीर, सचिव जिला रैडक्रास सोसायटी वाजीद अली, जिला टी.बी. ऑफिसर व नोडल ऑफिसर डा. राहुल शर्मा मौजूद रहे।


उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 9 सितंबर 2022 को भारत को टी.बी. मुक्त करने के लिए इस योजना की शुरूआत की और देश को आगामी वर्ष 2025 तक तपेदिक मुक्त करने का लक्ष्य रखा। इस योजना को प्रदेश में सफल बनाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी बीडा उठाया है और वे प्रधानमंत्री के 2025 तक देश को टी.बी. मुक्त बनाने के सपने को साकार करने में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हरियाणा के साथ-साथ देश को क्षय रोग से मुक्ति मिले इस उद्देश्य के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं इस योजना की निरंतर निगरानी करते हैं। इसी उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार ने एक नई योजना शुरू की है,

जिसका नाम निक्षय पोषण योजना है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार देश में मौजूद टी.बी. से पीडि़त रोगियों को 500 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। भारत सरकार ने यह निश्चय किया है कि वर्ष 2025 तक भारत से टीबी को मिटाया जाए। अर्थात वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया जा चुका है। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने निक्षय मित्र योजना की शुरूआत की है। इसके अलावा प्राइवेट प्रेक्टिशनर इन्सेनटिव तथा इन्फोरमेंट इन्सेनटिव योजना भी चलाई जा रही है,

जिसमें टी.बी. रोग से ग्रस्त मरीजों को 500 रुपए प्रति महीने उनके अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं तथा 500 रुपए टी.बी. की सूचना देने वाले व्यक्ति को दिए जाते हैं। सिविल सर्जन डा. लोकवीर ने बताया कि सितंबर 2022 में जिला में 324 टी.बी. से ग्रस्त मरीज चिन्हित किए गए, जिनमें से 153 मरीजों का 6 महीने का पूर्ण ईलाज हो चुका है। इसके अलावा शेष 171 मरीजों को ईलाज दिया जा रहा है।

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