पलवल, गांव सिहौल स्थित धानुका एग्रीटेक रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी सेंटर में शुक्रवार को मक्का की खेती के उत्पादन की तकनीक और प्रबंधन को लेकर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता बागवानी विभाग हरियाणा के पूर्व निदेशक एवं डीएआरटी के सलाहकार डा.बी.एस सहरावत ने की। डॉ.बी.एस .सहरावत ने किसानों को कृषि क्षेत्र में आय बढ़ाने के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आधुनिक खेती के जरिये किसान अपनी आय को बढ़ा सकते है।
उन्होंने कहा कि खेती को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है साथ ही किसानों को भी कृषि की आधुनिक तकनीकों के बारे में जागरूक होने की जरूरत है। किसानों को सबसे पहले फसल चक्र को अपनाना चाहिए। फसलों का चयन करने के बाद में उन्नत किस्म के बीजों का चयन करें। उन्होंने कहा कि मिट्टी की तैयारी से लेकर फसल की कटाई तक पूरी प्रक्रिया का पालन करके ही फसल उत्पादन किया जाता है। भारत के कई हिस्सों में अब हाथ से बुवाई करने के बजाय बीज ड्रिल का इस्तेमाल किया जाने लगा है । ये ज्यादा सटीक होते हैं और एक निश्चित गहराई तक बीज को बोने का काम करते हैं ।

पौधे की वृद्धि को कुशलतापूर्वक बनाए रखने के लिए मिट्टी में सभी पोषक तत्व नहीं हो सकते हैं । इसलिए, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और पौधों को बेहतर तरीके से विकसित करने में मदद करने के लिए खाद और उर्वरकों को मिट्टी में मिलाया जाता है । यह क्रॉप प्रोडक्शन के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है । इस अवसर पर डॉ. साई दास ने किसानों को आर्गेनिक तरीके से मक्का की खेती करने के बारे में जानकारी दी। प्रगतिशील किसान क्लब के अध्यक्ष बिजेंद्र दलाल ने किसानों को स्वीट कॉर्न के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किसान परम्परागत खेती को छोडक़र स्वीट कॉर्न की खेती करें और अपनी आमदनी को बढाऐं।