भावना पालीवाल ने पंजाब स्थित प्रोद्योगिकी संस्थान रोपड से कंप्यूटर साइंस विषय में किया टॉप - Palwal City

भावना पालीवाल ने पंजाब स्थित प्रोद्योगिकी संस्थान रोपड से कंप्यूटर साइंस विषय में किया टॉप

पलवल। पलवल की तुहीराम कॉलोनी की रहने वाली 22 वर्षीय भावना पालीवाल ने पंजाब स्थित प्रोद्योगिकी संस्थान रोपड से कंप्यूटर साइंस विषय में टॉप किया है। भावना को स्नातक विद्यार्थियों में सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक-2021 से भी सम्मानित किया गया है।

भावना की इस उपलब्धि से परिवार के लोगों में खुशी है। मंगलवार को भावना का स्वागत करते हुए मिठाइयां बांटी गई। मन में कुछ करने की इच्छाशक्ति हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं है। यह कहावत पलवल की रहने वाली 22 वर्षीय भावना पालीवाल ने सिद्ध कर दी है। भावना ने वर्ष 2017 में जईई मैंस की परीक्षा दी, जिसमें वह जिला टॉपर रही और उनको भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान रोपड़(पंजाब) में दाखिला मिला।

शुरुआत में भावना को कैमीकल इंजीनियर की विषय मिला, लेकिन बाद में उनकी रूचि कंप्यूटर कॉडिंग की ओर बढ़ी तो उन्होंने शुरुआती साल में कैमीकल इंजीनियर की जगह कंप्यूटर साइंस का विषय चुन लिया। चार साल तक आइआइटी रोपड में पढाई की। वर्ष 2021 में अपनी पढाई पूरी कर ली। परीक्षा परिणामों में भावना ने अपने विषय कंप्यूटर साइंस में टॉप कर जिले का नाम रोशन किया।

इसके अलावा भावना को पढ़ाई के दौरान सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक-2021 से भी सम्मानित किया गया। 
बता दें कि भावना ने प्रांरभिक शिक्षा पलवल के निजी स्कूलों से की। 10 कक्षा के परीक्षा परिणामों में उन्होंने 10सीजीपीए हासिल किया। उसके बाद 12 कक्षा में उन्होंने 97 प्रतिशत अंक हासिल किए। वर्ष 2017 में उन्होने जेईई एडवांस व जेईई मैंस के लिए परीक्षा मिली।

परीक्षा परिणामों में भावना ने जिला टॉप करते हुए परीक्षा पास की। आइआईटी रोपड से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने के बाद भावना को अमेरिका जैसे देश में काम करने मौका मिला, परंतु उन्होंने अपने देश में काम करने का निर्णय लिया। वर्तमान में वह बैंगलुरू में माइक्रो सॉफ्ट में रिसर्च टीम में काम कर रही हैं। भविष्य में वह बेस्ट रिसर्चर बन नए-नए सॉफ्टवेयर बनाना चाहती है। 

बता दें कि भावना की पिता अरुण कुमार पाली एक व्यवसायी हैं तथा उनकी माता नीरज सरकारी अध्यापिका हैं।  भावना का भाई प्रतीक पालीवाल भी डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है।  भावना ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता व अपने शिक्षकों दिया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *