पलवल, उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि निर्धारित दरों पर हरियाणा के किसानों की धान के पुआल का उपयोग करने वाली परियोजनाओं को धान के पुआल की गांठों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य में बायोमास आधारित परियोजनाओं/उद्योगों द्वारा या उनकी ओर से धान के पुआल की खरीद के लिए सेवा क्षेत्रों का आवंटन किया है।

यह परियोजना विकासकर्ताओं को निर्देशित करती है कि वे अपनी परियोजनाओं के आस-पास विभिन्न स्थानों पर धान पुआल डिपो इस प्रकार स्थापित करें कि किसानों को धान की पुआल की गांठों को बेचने के लिए 25 किलोमीटर से अधिक की यात्रा न करनी पड़े। इन परियोजनाओं को आवंटित सेवा क्षेत्र के किसानों से ही सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर धान की पराली की खरीद करने की बाध्यता है और उन्हें इस आवंटित सेवा क्षेत्र के बाहर धान की पराली खरीदने की अनुमति नहीं होगी।
वे कृषि एवं किसान कल्याण पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर भुगतान करेंगे। उल्लंघन के मामले में वे राज्य/केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए अधिमान्य टैरिफ/प्रोत्साहन/लाभ/सब्सिडी को वापस लेने के लिए उत्तरदायी होंगे।
उन्होंने बताया कि इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा व्यापक प्रचार-प्रसार करेगा और आवंटित सेवा क्षेत्र के भीतर परियोजनाओं/उद्योगों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर गांठें/धान की पराली बेचने के लिए पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण सुनिश्चित करेगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग यह भी सुनिश्चित करेगा कि जहां एक जिले को कई संस्थाओं को आवंटित किया गया है,
आवंटन तहसील स्तर पर भी किया जाएगा, ताकि कोई ओवरलैप न हो। इन परियोजनाओं/उद्योगों की आवश्यकतानुसार सेवा क्षेत्र का तहसीलवार आवंटन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जिले के भीतर उनके पोर्टल पर किया जा सकता है।