पलवल, अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने बताया कि भारत सरकार अगले साल 8 से 14 जनवरी के बीच एक कैंपेन शुरू करेगी, जिसका थीम अब तक बच्चों को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रमों के थीम से अलग होगा। उन्होंने बताया कि सरकार पोषित बच्चों को लेकर एक कैंपेन चलाएगी, जिसका टैग लाइन स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा होगा।
अभी तक देश में बच्चों को लेकर देश मे कुपोषण खत्म करने को लेकर कार्यक्रम चलाया जाता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री के इंटरवेंशन के बाद दुनिया भारत के पोषित और स्वास्थ्य बच्चों की तस्वीर को देखेगी। अब सरकार इस कैंपेन के माध्यम से मां-बाप को ही मौका देगी की वे सामने आए और बताएं कि उनके बच्चे पोषित है या कुपोषित। अब अभिवावक कह सकते हैं कि हमारा बच्चा स्वस्थ है।

इस अभियान को महिला और बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा पूरे देश मे चलाया जाएगा। इसमें हर अभिभावक जुड़ सकते हैं। आगामी 8 से 14 जनवरी के बीच यह अभियान चलाया जाएगा, जिसमे 0-6 साल के स्वस्थ बच्चे शामिल होंगे। सरकार सभी तक पहुंचकर व विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को ध्यान में रखकर बच्चों की हाइट और वजन मापेगी।
इसके उपरांत आंकड़ा सामने आएगए कि आखिर भारत में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक कितने बच्चे पोषित है। इसके लिए एक खास ऐप पोषण ट्रैकर तैयार किया गया है, जिसे अपलोड करके अभिभावक खुद भी अपने बच्चों का डिटेल दे सकते हैं। इसके जरिए सरकार का मकसद भारत का एक सकारात्मक पहलू तो दिखाना हैं ही साथ ही इससे जन जागरण भी होगा और आम लोगों के अंदर अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चेतना भी जगेगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी नुपुर ने बताया कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाडी वर्कर व हेल्परों के द्वारा ग्राम पंचायत, सेल्फ हेल्प ग्रुप, मदर ग्रुप की सहायता से सभी बच्चों का लम्बाई व वजन का माप आंगनवाडी केन्द्रों, स्कूलों, ग्राम पंचायत, घर, प्राथमिक, सामुदायिक केन्द्रों एवं अन्य स्थानों पर लिया जाएगा एवं शहरी क्षेत्रों में जहां पर आंगनवाडी केंद्र स्थित नहीं है,
वहां पर सामाजिक संस्थाओं एवं एनजीओज के माध्यम से सभी बच्चों का वजन व लंबाई का माप लिया जाएगा एवं उसे पोषण ट्रैकर एंप पर भरा जाएगा।
इस संबंध में जिला में सभी सामाजिक संस्थाएं, एनजीओज जोकि प्रधानमंत्री की इस पहल में भागीदारी करना चाहतें है वे जिला प्रशासन या जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय के कमरा नंबर-110-11, प्रथम तल, लघु सचिवालय पलवल में अपना रजिस्ट्रेशन पोषण ट्रैकर ऐप पर करवाना सुनिश्चित करें, जिससे कि उनके द्वारा नॉन आई.सी.डी.एस. क्षेत्र में 0-6 साल तक के बच्चों का वजन व लंबाई का नाप लिया जा सके।